5 Simple Techniques For hindi kahaniyan

hindi kahani for kids

विचित्र हथियार भाग १ बच्चो! बात बहुत पुरानी नहीं है। रजतपुर नाम का एक राज्य था। उसका राजा रजपति था। रजपति बड़ा ही धर्मात्मा और प्रजा-पालक था। उसके राज्य में सुख की वर्षा हो रही‌ थी। कोई भूखा-प्यासा ...

अस्वाभाविक न लगे। जिस चरित्र को वह प्रस्तुत कर रहा है, वह समाज के अन्दर

जिन्होंने अनेक यथार्थवादी कहानियाँ लिखी । साहित्य समीक्षकों ने इन्हीं कहानियों

इन कहानियों में ऐतिहासिक तथ्यों को भी उजागर किया जाता है। ये ही कहानियाँ

बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ीवालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक़ से धुनते हुए, इक्के वाले कभी चंद्रधर शर्मा गुलेरी

कमलेश्वर की 'मुरदों की दुनिया', 'तीन दिन पहले की

कहानियों की संख्या में वृद्धि करने वाले अन्य कहानीकारों में, गंगा प्रसाद विमल, दूधनाथ सिंह, राजकमल चौधरी, गिरिराज किशोर, सुरेश सिंन्हा

(एक) "बंदी!" "क्या है? सोने दो।" "मुक्त होना चाहते हो?" "अभी नहीं, निद्रा खुलने पर, चुप रहो।" "फिर अवसर न मिलेगा।" "बड़ा शीत है, कहीं से एक कंबल डालकर कोई शीत से मुक्त करता।" "आँधी की संभावना है। यही अवसर है। आज मेरे बंधन शिथिल जयशंकर प्रसाद

(एक) जब तक गाड़ी नहीं चली थी, बलराज जैसे नशे में था। यह शोर-गुल से भरी दुनिया उसे एक निरर्थक तमाशे के समान जान पड़ती थी। प्रकृति उस दिन उग्र रूप धारण किए हुए थी। लाहौर का स्टेशन। रात के साढ़े नौ बजे। कराची एक्सप्रेस जिस प्लेटफ़ार्म पर खड़ी थी, वहाँ चन्द्रगुप्त विद्यालंकार

व्याप्त रूढ़ीवाद और कुरीतियाँ के दमन के उपाय सुझाए वहाँ राजनैति पराधीनता और

तथा पौराणिक और ऐतिहासिक सन्दर्भों पर भी कहानियाँ लिखी हैं। विपथगा, शरणार्थी, परम्परा, अमर वल्लरी, कोठरी की बात आदि

के लिए किये जाने वा यत्नों से पैदा हुए अवरोध और संकटों से लेकर उच्चवर्गीय

इन्दुमती अपने बूढ़े पिता के साथ विंध्याचल के घने जंगल में रहती थी। जबसे उसके पिता वहाँ पर कुटी बनाकर रहने लगे, तब से वह बराबर उन्हीं के साथ रही; न जंगल के बाहर निकली, न किसी दूसरे का मुँह देख सकी। उसकी अवस्था चार-पाँच वर्ष की थी जबकि उसकी माता का परलोकवास किशोरीलाल गोस्वामी

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